नई दिल्ली :
आतंकवाद से लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं है. सूफीवाद को दुनिया का मार्गदर्शन करना चाहिए क्योंकि आतंकवाद मनुष्य को बांटने की कोशिश कर रहा है. धर्म के नाम पर आतंक फैलाने वाले लोग धर्म विरोधी हैं. उन्होंने कहा की अल्लाह के 99 नामों में किसी भी नाम का अर्थ हिंसा नहीं है. कल शाम नई दिल्ली में चार दिन के विश्व सूफी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उक्त बातें कही.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में उदारता और बहुलता के माहौल में सूफीवाद पनपा तथा इसकी अपनी आध्यात्मिक परम्परा और मूल्य रहे हैं. प्रधानमंत्री ने भाईचारे को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए दक्षिण एशियाई देशों से सूफीवाद की संस्कृति को फिर से जीवित करने और बढ़ावा देने का अनुरोध किया. नरेन्द्र मोदी ने काव्य और भारतीय संगीत में सूफीवाद के योगदान को भी याद किया. विश्व सूफी सम्मेलन में श्यूख, अध्यात्मिक नेता, विद्वान और सूफी उलेमा सहित दो सौ से अधिक भारतीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. इसका आयोजन भारत में सूफी दरगाहों के प्रमुख निकाय ऑल इंडिया उलेमा मुशाइख बोर्ड ने किया है.