नई दिल्ली :
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एक समाचार चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं को रिश्वत लेते हुए दिखाये जाने संबंधी मामला आज सदन की आचार समिति को सौंप दिया है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आचार समिति के अध्यक्ष हैं. संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडु ने लोकसभा में कल कहा था कि ऐसे मामलों में सच सामने आना चाहिए, क्योंकि ये सदस्यों के आचरण से संबंधित है. उन्होंने इस मामले की जांच सरकार या लोकसभा अध्यक्ष से कराने का सुझाव भी दिया था. सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल के फौरन बाद अपने निर्णय की घोषणा की.
तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने मामला आचार समिति को सोंपने के निर्णय का विरोध किया है. कांग्रेस, वामदल और भाजपा ने कल इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी. तृणमूल कांग्रेस ने इसे पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ षड़यंत्र बताया था. एक समाचार चैनल द्वारा कराए गये स्टिंग ऑपरेशन में पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सांसदों सहित तृणमूल कांग्रेस के कम से कम 11 नेताओं को एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेते हुए दिखाया गया है. चैनल ने इसकी सीडी अपनी वेबसाइट पर डाल दी थी.
राज्यसभा में भी आज इसी मुद्दे को लेकर नोकझोंक हुई. शून्यकाल के दौरान ये मामला उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने इस चैनल की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए विदेशी धनराशि का इस्तेमाल किया जा रहा है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी ने मांग की कि सरकार को स्टिंग ऑपरेशन की जांच के लिए आदेश देना चाहिए. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य सदन के बीचोबीच इकट्ठा हो गये और नारेबाजी करने लगे. उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि वे जांच के आदेश नहीं दे सकते और इस मामले में सरकार उचित कार्रवाई कर सकती है.
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के इस्तीफे की मांग की है. संसद के बाहर भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये स्पष्ट रूप से तृणमूल कांग्रेस के सांसदों द्वारा पद का दुरूपयोग है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए.